केवल निर्णय लेने से ही अधिक से अधिक सजग हुआ जा सकता है।
केवल निर्णय लेने से ही अधिक से अधिक सजग हुआ जा सकता है।

केवल निर्णय लेने से ही अधिक से अधिक सजग या स्पष्ट हुआ जा सकता है , जिससे हम   तीक्ष्ण बुद्धि के बन सकते है अन्यथा सुस्ती तो बरकरार ही...

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