'दोस्ती और प्रेम 'अनुभूति नहीं, एक स्टेट्स की बात है
'दोस्ती और प्रेम 'अनुभूति नहीं, एक स्टेट्स की बात है

       समाज में हर एक इंसान को बराबर का दर्जा हासिल है , वहीं इंसान को इंसान समझने की सोच जैसे धीरे-धीरे पीछे छूटती जा रही है और इंस...

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इंसानियत
इंसानियत

मैं उस दिन बाज़ार से लौट रहा था | सामने से एक 8 -10 बर्ष का लड़का एक हाथ का ठेला खींचता हुआ चला आ रहा था. ढलान होने के कारण ठेले की गति क...

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बेवक़ूफ़ : एक गृहणी
बेवक़ूफ़ : एक गृहणी

वो रोज़ाना की तरह आज फिर इश्वर का नाम लेकर उठी थी । किचन में आई और चूल्हे पर चाय का पानी चढ़ाया। फिर बच्चों को नींद से जगाया ताकि वे स...

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