मतलबी हो तुम
मतलबी हो तुम

मतलबी हो तुम जब ज़रुरत पड़ती है तुम्हें तब याद आता हूँ मैं कभी बेवजह याद किया तुमने नहीं... हर वक़्त एक वजह होती है एक दर्द,एक ज़ख्म,एक...

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व्‍यक्ति अपने व्‍यक्तित्‍व पर नाज करता था और अपने आप को सफल मानता था।
व्‍यक्ति अपने व्‍यक्तित्‍व पर नाज करता था और अपने आप को सफल मानता था।

जब मै अपने बचपन की दुनिया की तुलना आज की दुनिया से करता हूँ, तब सबसे पहले इस बात की ओर घ्‍यान जाता है कि, उस दुनिया में किसी व्‍यक्ति ...

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